Top 3 Electric vehicle Parts Manufacturers Stocks in 2024 : इलेक्ट्रिक व्हीकल का पार्ट्स बनाने वाला 3 संदर Stocks

Top 3 Electric vehicle Parts Manufacturers Stocks in 2024 : दोस्तों इन्वेस्टिंग में ऐसा कहा जाता है कि हमें वैसी इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए जो सनराइज इंडस्ट्री हो यानी वैसी इंडस्ट्रिया जो फ्यूचर में राइज करने वाली हो ग्रोथ करने वाली हो | और अभी इंडिया में शायद ही कोई ऐसी इंडस्ट्री है जो EV यानी इलेक्ट्रिकल व्हीकल से ज्यादा तेजी से ग्रोथ कर रही है एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग Financial Year 2023 में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल 174 परसेंट से बढ़ी है और ये जो एक तरह का रिवोल्यूशन चल रहा है इतना बड़ा ट्रेंड चल रहा है इससे 3 कंपनियों को बेनिफिट हो सकता है जिसके बारे में हम इस ब्लॉग में जानेंगे 

Top 3 Electric vehicle (EVs) Parts Manufacturers tocks in 2024

हम 3 कंपनियों को एक-एक करके जानेंगे मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप इस ब्लॉग को पूरा जरूर पढ़िए ताकि आप तीनों कंपनियों के बारे में कंप्लीट इंफॉर्मेशन ले पाएं तो आइए ब्लॉग शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं इंडिया में Electric Vehicles की इंटरेस्टिंग हिस्ट्री के बारे में |

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India में इलेक्ट्रिक व्हीकल का हिस्ट्री

दोस्तों ज्यादातर लोगों को लगता है कि Electric Vehicles बहुत रिसेंट डेवलपमेंट है यानी ये नया डेवलपमेंट है ऑटोमोबाइल के सेक्टर में पर एक्चुअल में ऐसा नहीं है इंडिया में जो पहली इलेक्ट्रिकल व्हीकल कार थी उसका नाम था Love Bird और यह बना था 1993 में बनाने वाले कंपनी का नाम था एडी करंट कंट्रोल्स लिमिटेड पर ये लव बट कार उतनी सक्सेसफुल नहीं रही थी और इसके टोटल 25 यूनिट्स ही बिके थे | गवर्नमेंट इस कार पे 80000 की सब्सिडी देती थी पर जैसे ही गवर्नमेंट ने ये सब्सिडी बंद किया लोगों ने इस कार को खरीदना बंद कर दिया और फिर कंपनी ने इसका प्रोडक्शन भी बंद कर दिया | वहीं इंडिया में जो पहली इलेक्ट्रिकल थ्री व्हीलर थी इसका नाम था Vikram SAFA इसे बनाने वाली कंपनी का नाम था Scooter India Pvt. Ltd. और यह 1996 में लॉन्च हुई थी ये थ्री व्हीलर भी उतनी सक्सेसफुल नहीं हो पाई और इसके टोटल 400 यूनिट्स ही सेल हुए थे इसकी सबसे बड़ी मेजर प्रॉब्लम यह थी कि हर 41000 किमी चलने के बाद बैटरी को चेंज करना पड़ता था जो काफी कॉस्टली आता था | पर इन फेलर्स के बाद भी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में रिसर्च जारी रही और जो इंडिया की सबसे पहली सक्सेसफुल EV कार थी उसे लॉन्च किया था REVA Electric ने ये Car Model काफी successful हुआ और इससे देखते हुए Mahindra & Mahindra ने खरीद लिया | Financial Year 2020 में जहां इंडिया में टोटल 170000 Electric Vehicles की सेल हुई थी वही ये नंबर Financial Year 2023 में बढ़कर 12.5 लाख हो गया है | और इस तेजी से बढ़ते हुए एवी इंडस्ट्री से जिन 3 कंपनियों को फायदा हो सकता है चलिए अब हम उन्हें एक-एक करके जानते हैं |

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Rajratan Global Wire Ltd 

तो पहली कंपनी जिसे स्टेंड से फायदा हो सकता है उसका नाम है राजरतन ग्लोबल वायर लिमिटेड (Rajratan Global Wire Ltd) कंपनी की शुरुआत हुई थी 1989 में और कंपनी का जो हेड क्वार्टर है वो Indore में है | कंपनी मेनली दो तरह के वायर बनाती है एक को कहते हैं टायर बीड वायर और एक को कहते हैं हाई कार्बन स्टील वायर टायर बीड वायर का जो यूज़ है वो टायर के मैन्युफैक्चरिंग में होता है टायर को स्टडी लुक देने के लिए और टायर की लॉन्ज विटी को बढ़ाने के लिए और जो हाई कार्बन स्टील वायर है जिसे ब्लैक वायर भी कहते हैं उसका यूज़ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में होता है | कंपनी के दो प्लांट्स हैं एक प्लांट इंदौर में पीथमपुर में है और दूसरा जो Thailand में है | और कंपनी ऐसा बोलती है कि जो कंपनी का पीतमपुर का प्लांट है वो दुनिया में सबसे बड़ा टायर बीड वायर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है | वहीं थाईलैंड में ये कंपनी टायर बीड वायर बनाने वाली एक मात्र कंपनी है |


कंपनी अभी फिलहाल एक्सपेंशन मोड में है और कंपनी ने हाल में ये डिसीजन लिया है कि वो Chennai में अपना नया प्लांट लगाने वाली है जिसके लिए कंपनी अगले दो सालों में 300 करोड़ इन्वेस्ट कर रही है | कंपनी के क्लाइंट के लिस्ट में सारे बड़े टायर कंपनियां आती हैं जैसे MRF, APOLLO, CEAT ये सारी कंपनियां बहुत टाइम से राजरतन ग्लोबल वायर कंपनी की क्लाइंट्स हैं | वहीं मार्केट शेयर की बात करें तो इंडिया में कंपनी का मार्केट शेयर लगभग 46 परसेंट है और थाईलैंड में मार्केट शेयर 28 परसेंट है |


कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस 

कंपनी के फाइनेंशियल्स की बात करें तो पिछले पाच सालों में कंपनी ने अपने Revenue को 395 करोड़ से बढ़ाकर लगभग 900 करोड़ कर दिया है वहीं कंपनी ने अपने प्रॉफिट को इसी टाइम में ₹17 करोड़ से बढ़ा के ₹100 करोड़ कर दिया है|

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कंपनी लगातार पिछले 9 साल से प्रॉफिट बनाती आ रही है और कंपनी का जो ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन है वो भी 15-18 परसेंट के आसपास ही रहा है तो ये बता रहा है कि कंपनी अपने बिजनेस में स्टेबल भी है फाइनेंसियल स्ट्रेंथ से देखें तो कंपनी का जो डेट टू इक्विटी रेशियो है वो 0.5 है और कंपनी का इंटरेस्ट कवरेज रेशियो छ से ज्यादा है जो यह बता रहा है कि कंपनी बैलेंस शीट से काफी स्ट्रांग है और किसी भी फाइनेंशियल प्रॉब्लम में आने के चांसेस बहुत ही कम है कंपनी के वैल्युएशन की बात करें तो कंपनी का जो P/E Ratio है वो अभी 41 है जबकि कंपनी का जो 3 साल का मीडियन P/E Ratio था वो 31 था वही इंडस्ट्री जोP/E Ratio है वो भी 24 है यानी जो कंपनी का P/E Ratio है उसके 3 साल के मीडियन P/E Ratio और इसके इंडस्ट्री के P/E Ratio से भी बहुत ज्यादा है |  वहीं कंपनी का जो PEG Ratio है वो भी एक से ज्यादा ज्यादा है 1.13 के आसपास है अगर PEG  Ratio एक से कम होता है तो यह माना जाता है कि कंपनी अपने ग्रोथ के कंपैरिजन में थोड़ी सी अंडरवैल्यूड है पर यहां क्योंकि ये रेशो एक से थोड़ा सा ज्यादा है तो कंपनी थोड़ी सी ओवर वैल्यूड तो जरूर है |

 दोस्तों अगर आप भी किसी कंपनी का डिटेल एनालिसिस करना सीखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दो चीजें आनी चाहिए पहला है कि Annual Report को कैसे पढ़ना है और दूसरा है कि Financial Statement को कैसे समझना है |

Fiem Industries Ltd


दोस्तों दूसरी कंपनी जिसे इस ट्रेंड से बेनिफिट हो सकता है उसका नाम है फाम इंडस्ट्रीज (Fiem Industries Limited) | एक कंपनी स्टार्ट हुई थी 1989 में और कंपनी का हेड क्वार्टर है दिल्ली कंपनी मेनली ऑटो इंडस्ट्री के लिए LED Lights और रियर व्यू मिरर्स बनाती है | कंपनी का जो 99 परसेंट Revenue है वो ऑटो इंडस्ट्री से आता है उसमें से भी 96 परसेंट जो Revenue है वो सिर्फ टू व्हीलर कैटेगरी से आता है | 

कंपनी अपने इंडस्ट्री में एक बहुत ही ज्यादा डोमिनेंट प्लेयर है और टू व्हीलर गाड़ियों की बात करें तो हेड लाइट्स में कंपनी का मार्केट शेयर 40 percent है वहीं जो टू व्हीलर्स की बैक लाइट्स होती हैं उसमें कंपनी का मार्केट शेयर 90 percent  है | कंपनी ने अपने लेटेस्ट क्वार्टरली रिजल्ट के इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन में ये बताया था कि कंपनी का जो पूरा फोकस है अभी वो ईवी सेगमेंट पे है और कंपनी इसमें फर्स्ट मूवर एडवांटेज गेन करना चाहती है और EV Industry के लिए नए-नए प्रोडक्ट्स को लॉन्च करना चाहती है | इनफैक्ट जो OLA की इलेक्ट्रिक स्कूज हैं उनके लिए सारे की सारी एलईडी लाइट्स की सप्लाई यही कंपनी करती है दोस्तों कंपनी का प्रेजेंस काफी ग्लोबल है INDIA, ITALY और JAPAN में कंपनी के टोटल 9 मैन्युफैक्चरिंग एंड डिजाइन फैसिलिटी हैं |

कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस 

कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की बात करें तो कंपनी का जो 2018 में Revenue था वो लगभग 1240 करोड़ के आसपास था जो लास्ट ईयर बढ़कर 1850 करोड़ के आसपास हो गया है | कंपनी का पिछले 3 साल का ROCE लगभग 20 परसेंट के आसपास रहा है और 3 साल का जो ROCE है वो 15 पर के आसपास रहा है | कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन की बात की जाए तो यह काफी स्टेबल रहा है और पिछले 13 क्वार्टर से ये लगभग 11 से 13 परसेंट के आसपास रहा है जो बताता है कि कंपनी का बिजनेस स्टेबल नेचर का है | वहीं कंपनी का फाइनेंसियल स्टेंट देखें तो कंपनी ने हमने लेटेस्ट क्वार्टर में ये बताया था कि कंपनी ने अपने DEBT को जीरो कर दिया है यानी कंपनी बिल्कुल डेट फ्री हो गई है |

अब बात करते हैं कंपनी के वैल्युएशन की कंपनी का जो अभी करंट पीई रेशो है वो 18 के आसपास है वहीं कंपनी का जो 3 साल का मीडियन पे रेशियो था वो 17 था तो उतना ज्यादा वैरी नहीं कर रहा है कंपनी का जो अभी का वैल्युएशन है वो उसके 3 साल के के मीडियन वैल्युएशन के आसपास ही है पर अगर इंडस्ट्री पी की बात की जाए तो इंडस्ट्री पी है लगभग 33 जिसके कंपैरिजन में कंपनी का PE RATIO जो 18 है वो काफी कम लग रहा है | वहीं जो कंपनी का पीजी रेशो है वो भी एक से कम है 0.81 कंपनी का वैल्यूएशन है वो उतना ज्यादा नहीं है फेयर वैल्युएशन के आसपास कंपनी मिल रही है कंपनी का जो पी रेशो है वो भी अपने 3 साल के मीडियन के आसपास है और कंपनी का जो PE RATIO है वो इंडस्ट्री के PE RATIO  से लगभग हाफ है |

Pricol Ltd


तो आइए अब चलते हैं लास्ट कंपनी के ऊपर जिसका नाम है प्राईकल लिमिटेड (Pricol Ltd) तो इस कंपनी की शुरुआत हुई थी 1974 में और कंपनी का जो हेड क्वार्टर है वो कोयंबतूर तमिलनाडु में है | कंपनी मेनली ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए ड्राइवर इंफॉर्मेशन सिस्टम (Driver Information System) बनाती है और कंपनी का जो इंडिया में मार्केट शेयर है वह 50 परसेंट से भी ज्यादा है वहीं अगर सिर्फ कमर्शियल व्हीकल्स की बात करें तो उसमें कंपनी का मार्केट शेयर 70 परसेंट से भी ज्यादा है और जो TVS की इलेक्ट्रिकल व्हीकल है जिसका नाम आई क्यूब है उसके लिए ड्राइवर इंफॉर्मेशन सिस्टम की सप्लाई प्राईकल ही करती है |

कंपनी का मेन फोकस है कि वो टू व्हीलर कैटेगरी में लीडर बने इसलिए जो कंपनी के लार्जेस्ट क्लाइंट्स हैं वो इंडिया के सभी बड़े टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स हैं | कंपनी ने ईवी इंडस्ट्री के लिए बहुत सारे नए-नए प्रोडक्ट्स भी सोच रखे हैं कंपनी ने अपने लेटेस्ट क्वार्टर में बताया था कि कंपनी व इंडस्ट्री के लिए काफी रेडी है और अगले तीन-चार सालों में कंपनी 600 – 700 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने वाली है | जिससे वो एवी इंस्ट्री के गाड़ियों के लिए नए-नए प्रोडक्ट्स डेवलप कर सके |

कंपनी के टोटल 9 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं जिसमें से 8 इंडिया में है और 1 प्लांट इंडोनेशिया में है | और कंपनी अपने प्रोडक्ट्स 45 से ज्यादा कंट्रीज के ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को सेल करती है | कंपनी खासकर अपने इनोवेशन और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पे काफी ध्यान दे रही है और हर क्वार्टर में कंपनी नए-नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करती जा रही है खासकर कंपनी का ध्यान व इंडस्ट्री में नए प्रोडक्ट्स लाने का है जिसके लिए कंपनी ने बहुत सारी विदेशी कंपनियों से टाई अप भी किया है |

कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस 

फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की बात करें तो 5 साल पहले कंपनी का जो Revenue था वो 1350 करोड़ के आसपास था जो इस साल बढ़कर लगभग 2200 करोड़ हो चुका है कंपनी 5 साल पहले लॉसेस बना रही थी पर अब कंपनी टर्न अराउंड करके प्रॉफिट बनाने लगी है और इस साल जो कंपनी का प्रॉफिट था वो था लगभग ₹125 करोड़ | कंपनी के ROCE हैं 24.5 परसेंट हैं और कंपनी का जो ROE है वो 18 परसेंट के आसपास रहा है | कंपनी का जो डेट टू इक्विटी रेशो है वो 0.12 है यानी कंपनी के ऊपर बहुत ही कम डेट है क्योंकि कंपनी अपने बिजनेस से इतना प्रॉफिट बना रही है कि कंपनी को ज्यादा डेट लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है | कंपनी का जो इंटरेस्ट कवरेज रेशो है वो 9 है यानी कंपनी अपने इंटरेस्ट का पेमेंट काफी आसानी से कर सकती है और कंपनी का किसी भी फाइनेंशियल प्रॉब्लम में आने का चांस बहुत कम है |

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कंपनी का वैल्युएशन देखें तो कंपनी का जो अभी P/E RATIO है वो 35 के आसपास है जबकि कंपनी का जो पिछले 3 साल का मीडियन  P/E RATIO था वो 28 के आसपास था यानी कि कंपनी अपने पिछले 3 साल के मीडियम वैल्यूएशन से थोड़ी सी ज्यादा प्राइस में हमें मिल रही है वहीं कंपनी का जो PEG RATIO है वो बिल्कुल 1 है मतलब पीजी रेशो के बेसिस पे कंपनी ना ओवर वैल्यूड है ना अंडर वैल्यूड है बिल्कुल फेयरली वैल्यूड है | कंपनी का अच्छे परफॉमेंस को देखते हुए एक बहुत इंटरेस्टिंग चीज हुई थी एक जो दूसरी लिस्टेड कंपनी है इंडिया में Minda Corporation उन्होंने लगभग कंपनी के 400 करोड़ के शेयर को ओपन मार्केट से बाय किया था जिसका मतलब ये है कि  Minda Corporation कहीं ना कहीं प्राईकल लिमिटेड को बहुत अच्छी कंपनी मानती है तो दोस्तों ये था हमारा आज का ब्लॉग आपको ये ब्लॉग कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताइए Thank You So Much |


FAQs

1. इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेश क्यों करना चाहिए?

उत्तर: इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और सरकारें भी इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दे रही हैं। इस उद्योग में निवेश करने से निवेशकों को लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

2. राजरतन ग्लोबल वायर लिमिटेड क्यों एक अच्छा निवेश विकल्प है?

उत्तर: राजरतन ग्लोबल वायर लिमिटेड इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए टायर बीड वायर का एक प्रमुख निर्माता है। कंपनी का मार्केट शेयर मजबूत है और इसका वित्तीय प्रदर्शन भी अच्छा है। हालांकि, कंपनी का वर्तमान मूल्यांकन थोड़ा अधिक लग सकता है।

3. फिएम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ताकत क्या है?

उत्तर: फिएम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए LED लाइट्स और रियर व्यू मिरर का एक प्रमुख निर्माता है। कंपनी का इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग पर मजबूत फोकस है और वह इस क्षेत्र में नए उत्पादों को विकसित करने के लिए निवेश कर रही है। कंपनी की वित्तीय स्थिति भी मजबूत है।

4. प्राइकल लिमिटेड क्यों एक आकर्षक निवेश विकल्प है?

उत्तर: प्राइकल लिमिटेड ड्राइवर इंफॉर्मेशन सिस्टम का एक प्रमुख निर्माता है और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में तेजी से बढ़ रहा है। कंपनी का मार्केट शेयर मजबूत है और वह नए उत्पादों को विकसित करने के लिए निवेश कर रही है। हालांकि, कंपनी का वर्तमान मूल्यांकन उचित लगता है।

5. इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेश करने से पहले मुझे क्या ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेश करने से पहले आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन: कंपनी की आय, लाभ और ऋण स्तर का विश्लेषण करें।

उद्योग के रुझान: इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भविष्य के रुझानों के बारे में जानें।

कंपनी की प्रतियोगिता: कंपनी के प्रतिस्पर्धियों के बारे में जानें।

सरकारी नीतियां: सरकार की नीतियां इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को कैसे प्रभावित कर सकती हैं, इस पर ध्यान दें।

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