TOP 3 BEST ETFs in 2024 : लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने के लिए | भारत में ईटीएफ कितने प्रकार के होते हैं?

TOP 3 BEST ETFs in 2024 : दोस्तों भारत में अलग-अलग टाइप्स के मिलाकर के टोटल 210 ETFs हैं | और इसमें से ऐसे बहुत सारे एटीएफ हैं जो Mutual Fund से भी कई गुना ज्यादा रिटर्न्स बना कर के दिए हैं | कुछ ETFs एक एक साल में 90%  100% से भी ज्यादा का रिटर्न बना कर के दिए हैं | अब इतने सारे ETFs में से हम कुछ इंपॉर्टेंट पैरामीटर्स के बेसिस पे Top 3 Best ETFs को शॉर्ट लिस्ट करेंगे | जिसमें आप निश्चिंत होकर लंबे समय के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं    

बट जैसा कि आप सबको पता है जब भी हम किसी  Mutual Fund को डिस्कस करते हैं या फिर किसी स्कीम को डिस्कस करते हैं तो ओवरऑल हम उस सेक्टर को और उस स्कीम के प्रॉपर Pros and Cons को डिटेल में डिस्कस करते हैं जिससे आपको नुकसान ना हो और आपके अंदर उस स्कीम से रिलेटेड कोई डाउट ना रहे | बट जो लोग केवल ETFs के नाम जानने के लिए आए हैं वो इस ब्लॉग को स्किप करके ETFs के नाम जानकर जा सकते हैं बट ऐसा करने से वह बहुत कुछ मिस कर देंगे और उनका बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है

TOP 3 BEST ETFs in 2024
TOP 3 BEST ETFs in 2024

दोस्तों ETFs मार्केट में कितना ज्यादा पॉपुलर होते जा रहा है आप यह डाटा देखकर हैरान हो जाएंगे | इंडिया का पहला टीएफ 2002 में आया था जिस इसका नाम था निफ्टी बीज 2002 से 2016 तक इन 14 सालों में ETFs का टोटल मार्केट साइज था इंडिया में मात्र 23000 करोड़ बट 2016 से 2024 तक इन लास्ट 8 इयर्स में ETFs का मार्केट साइज 23000 करोड़ से बढ़कर लगभग 6 लाख करोड़ का हो चुका है | इन लास्ट 8 इयर्स में लगभग 26 टाइम्स इंक्रीज हुआ है | दोस्तों इन आंकड़ों से यह पता चलता है कि ETFs को लेकर के इन्वेस्टर्स के अंदर ज्यादा रुचि बढ़ी है आखिर लोग ETFs में इतना ज्यादा क्यों इन्वेस्ट कर रहे हैं यह आपको इस ब्लॉग में आ आगे पता चलेगा |

दोस्तों ETFs काफी हद तक Mutual Funds की तरह बिहेव करता है और काफी हद तक एक स्टॉक की तरह बिहेव करता है जिसके वजह से इन्वेस्टर्स के अंदर बहुत बड़ी कंफ्यूजन बनी रहती है कुछ लोग यह समझते हैं कि ETFs Mutual Fund से ज्यादा रिस्की है ज्यादा वोलेटाइल है इसमें एक स्टॉक जितना रिस्क इवॉल्वड है और दूसरी तरफ कुछ लोग यह समझते हैं कि ETFs Mutual Fund और एक स्टॉक दोनों से ही बेहतर है बट इस कंफ्यूजन को हम दूर करेंगे और हम डिटेल में डिस्कस करेंगे कि ETFs, Mutual Funds और Stocks इन तीनों के बीच क्या-क्या मेजर डिफरेंसेस है और और इन तीनों में क्या-क्या रिस्क इवॉल्वड है और यदि आप ऑलरेडी Mutual Fund्स में इन्वेस्ट करते हैं तो क्या आपको ETFs में इन्वेस्ट करना चाहिए या फिर नहीं

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TOP 3 BEST ETFs in 2024

ETFs क्या होता है?

ETFs यानी कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ETFs को समझने के लिए इन शॉर्ट Index Mutual Funds को समझ लेते हैं | क्योंकि ETFs काफी हद तक Index Mutual Fund की तरह बिहेव करता है दोस्तों बेसिकली Mutual Fund कंपनी अलग-अलग इन्वेस्टर से पैसा कलेक्ट करती है और इस फंड को मैनेज करने के लिए एक प्रोफेशनल को हायर करती है जिसे फंड मैनेजर कहा जाता है जिसकी स्टॉक मार्केट में एक्सपर्टीज होती है फंड मैनेजर अपने नॉलेज के बेसिस पे अपने इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के बेसिस पे बहुत सारे अलग-अलग कंपनी के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करता है जिससे एक वेल डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनता है और फंड मैनेजर का मेन अप्रोच होता है कम से कम रिस्क में बेहतर रिटर्न बना कर के देना और Mutual Fund कंपनी इसके बदले एक फी चार्ज करती है जिसे Expenses Ratio कहा जाता है | और ये होता है एक्टिव Mutual Fund जहां फंड मैनेजर और उसके टीम की ज्यादा इवॉल्वमेंट होती है और जब कोई Mutual Fund किसी पर्टिकुलर Index को ट्रैक करने लगता है जैसे कि Sensex, निफ्टी 50, निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी 100 तो उसे Index Mutual Fund कहा जाता है | और अब ये बन जाता है एक पैसिव Mutual Fund जहां फंड मैनेजर की लगभग ना के बराबर इवॉल्वमेंट होती है और जब फंड मैनेजर की ना के बराबर इवॉल्वमेंट होती है तो Index Mutual Fund का Expenses Ratio भी एक एक्टिव Mutual Fund के कंपैरिजन में बहुत कम होता है तो ये होता है | Index Mutual Fund यानी कि Index Mutual Fund जिस पर्टिकुलर Index को ट्रैक करता है उस Index के अंदर जितनी भी कंपनियां होती है उन सभी में इन्वेस्ट करता है और ETFs में भी सेम ऐसा ही होता है ETFs कंपनी भी अलग-अलग इन्वेस्टर से पैसा कलेक्ट करती है और वो जिस पर्टिकुलर Index को ट्रैक करती है उस Index के जितने भी कंपनियां हैं उन सभी में इन्वेस्ट करती है | और अमूमन जितने भी ETFs हैं वो किसी ना किसी Index को ट्रैक करते हैं |

ETFs V/S MUTUAL FUND V/S STOCK

अब यहां Index को फॉलो करने के मामले में ETFs और Index Mutual Fund काफी हद तक सेम है बट स्टिल इनमें बहुत सारे डिफरेंसेस भी हैं ETFs की बा बात करें तो जैसा कि नाम से ही पता चलता है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी कि यह फंड किसी ना किसी एक्सचेंज पे ट्रेड होता है अब इंडिया में दो ही एक्सचेंज है BSE बंबे स्टॉक एक्सचेंज एंड दूसरा NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज | इनफैक्ट इंडिया का पहला ETFs निफ्टी बीज जो 2002 में आया था यह एनएससी यानी कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पे ट्रेड होता है | और अब निफ्टी बीज का नाम निपन इंडिया निफ्टी बीज है क्योंकि निफ्टी बीज को 2002 में निपन इंडिया Mutual Fund हाउस ने ही लॉन्च किया था वहीं Index Mutual Fund की बात करें तो यह ETFs की तरह एक्सचेंज पे ट्रेड नहीं होते हैं | और Index Mutual FundSs का जो यूनिट होता है जिसे NAV कहा जाता है नेट एसेट वैल्यू यह डे के एंड में पता चलता है जब मार्केट क्लोज होता है | ETFs की बात करें चूंकि ETFs एक्सचेंज पे ट्रेड होता है तो यहां ट्रांसपेरेंसी होती है यहां ETFs के शेयर प्राइस आपके सामने घटते बढ़ते रहते हैं और इसका एक और फायदा है आप एक स्टॉक की तरह ETFs में भी डिलीवरी इंट्राडे जैसे ट्रेडिंग ऑप्शंस में ट्रेड कर सकते हैं जिसके वजह से ETFs में लिक्विडिटी अच्छी मिलती है आप आसानी से ETFs के शेयर्स को बाय एंड सेल कर सकते हैं एज कंपेयर टू Index Mutual Fund | तो ये कुछ मेजर डिफरेंसेस हैं ETFs और Index Mutual Fund के ब अब अगर हम Index Mutual Fund और ETFs को एक पर्टिकुलर स्टॉक कंपनी से कंपेयर करें तो देखिए ETFs और Index Mutual Fund ये किसी ना किसी Index को ट्रैक करते हैं और उस Index में इंडिया की बड़ी-बड़ी बेहतरीन कंपनियां होती है और उन सभी कंपनियों में आपका पैसा इन्वेस्टेड होता है जिससे आपका फंड वेल डायवर्सिफाइड हो जाता है जिससे लॉन्ग टर्म में आपको Low Volatility के साथ एक स्टेबल रिटर्न मिलता है और एक पर्टिकुलर स्टॉक के कंपैरिजन में आपका रिस्क भी काफी कम हो जाता है | वहीं अगर कोई किसी किसी पर्टिकुलर कंपनी में इन्वेस्ट करता है फॉर एग्जांपल Reliance Company में इन्वेस्ट करते हैं तो उसी company की future Perfomance के उपर आपका शेयर प्राइस निर्भर करता हैं जो काफी ज्यादा रिस्की हो जाता है | वहीं जब आप ETFs और Index Mutual Fund में इन्वेस्ट करते हैं तो यहां आपका पैसा किसी एक कंपनी में लगने के बजाय बहुत सारे अलग-अलग कंपनी में इन्वेस्ट होता है जिससे फ्यूचर में अगर दो या चार कंपनियों का परफॉर्मेंस बुरा होता है तो इससे आपके फंड के ऊपर कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है तो रिस्क के मामले में ETFs और Index Mutual Fund एक स्टॉक के कंपैरिजन में बेस्ट ऑप्शन है | ETFs और Index फंड ये दोनों पैसिवली मैनेज्ड फंड्स हैं | और इन दोनों में ETFs का Expenses Ratio Index फंड से भी कम होता है |

 ETFs कितने प्रकार के होते हैं ? 

अब अगर हम ETFs के टाइप्स की बात करें तो ETFs तीन तरह का होता है पहला Equity ETFs यानी कि वो एफ जो स्टॉक्स में यानी कि इक्विटी में इन्वेस्ट करता है और दूसरा Commodity ETFs यानी कि वो ETFs जो गोल्ड सिल्वर ऑल जैसे कमोडिटीज में इन्वेस्ट करता है एंड तीसरा है Debt ETFs यानी कि वो ETFs जो बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करता है अब एक गवर्नमेंट बंड्स भी हो सकते हैं और एक कॉर्पोरेट बंड्स भी हो सकते हैं | अब आपके मन में एक सवाल आएगा कि हम डायरेक्टली बॉन्ड्स में क्यों ना इन्वेस्ट

करें कि हम ETFs बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करें तो देखिए यहां आपको लिक्विडिटी अच्छी मिलती है कुछ बॉन्ड्स हैं जो एक्सचेंज पे ट्रेड होते हैं बट उनमें लिक्विडिटी अच्छी नहीं होती है तो अब फाइनली मैंने कुछ इंपॉर्टेंट पैरामीटर्स के बेसिस पे टोटल 210 ETFs में से Top 3 Best ETFs को पिक किया है जिसमें अगर आप इन्वेस्ट करना चाहें तो आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं|

TOP 3 BEST ETFs लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने के लिए

1.CPSE ETF

पहला ETFs है सीपीएससी यानी कि सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज ETFs | यह एक पब्लिक सेक्टर का ETFs है यानी कि गवर्नमेंट ETFs है और टोटल 210 ETFs में से यह एक मात्र ETFs है जिसका एयूएम(AUM) सबसे ज्यादा है और यह इसके होल्डिंग की वजह से है क्योंकि इसके पोर्टफोलियो में टोटल 11 कंपनियां हैं और इनमें से ज्यादातर कंपनियां पब्लिक सेक्टर की यानी गवर्नमेंट सेक्टर की है जिसके वजह से यहां आपका फंड भी काफी सिक्योर हो जाता है |

इस फंड का टोटल एयूएम(AUM) है 39,197 करोड़ Expenses Ratio है 0.05 % ट्रैकिंग एरर है 0.1% पर बीटा है 0.78% बीटा अगर एक से कम होता है तो वो फंड कम वोलेटाइल होता है कम रिस्की होता है यह एटीएफ लास्ट ईयर 102 परसेंट का रिटर्न बना कर के दिया है और लास्ट 5 ईयर में 26 परसेंट का लास्ट 10 ईयर में 15.6 % का एंड यह एटीएफ अपने लॉन्च डेट से आज तक 17.13 % का रिटर्न बना कर के दिया है | तो अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना चाहे तो यह गवर्नमेंट सेक्टर का ETFs है इसमें आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं|

2.KOTAK GOLD ETF

सेकंड नंबर है कोटक गोल्ड ETFs अब यहां मैंने गोल्ड ETFs को क्यों पिक किया है ये जानना बहुत जरूरी है देखिए घर पे फिजिकल गोल्ड को स्टोर करना काफी ज्यादा रिस्की हो सकता है और यदि आप बैंक में FD कराते हैं वहां लॉकर लेकर अपने गोल्ड को स्टोर कराते हैं तो आपको बहुत बड़ा अमाउंट पे करना पड़ सकता है वहीं अगर आप गोल्ड ETFs में इन्वेस्ट करते हैं तो यहां आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलता है और स्टोरेज का झंझट भी खत्म हो जाता है और गोल्ड ETFs में इन्वेस्ट करना उतना ही रिस्की है जितना आपके घर पे रखे फिजिकल गोल्ड में उसके फ्यूचर प्राइस को लेकर रिस्क है और गोल्ड ETFs का इक्विटी मार्केट से कोई लिंक नहीं है गोल्ड ETFs केवल गोल्ड के प्राइस को ट्रैक करता है तो अगर आपको लगता है कि गोल्ड ETFs इक्विटी मार्केट जितना रिस्की हो सकता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है तो अगर आप एक सेफ और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट चाहते हैं तो आपके लिए गोल्ड ETFs एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है

कोटक गोल्ड ETFs का टोटल एयूएम(AUM) है 3733 करोड़, Expenses Ratio है 0.16 परसेंट, ट्रैकिंग एरर है 0 परसेंट क्योंकि गोल्ड ETFs गोल्ड के प्राइस को ट्रैक करता है तो इसके Index के रिटर्न और इसके रिटर्न के बीच कोई गैप ही नहीं रहता है इसलिए ट्रैकिंग एरर जीरो है | बीटा है नेगेटिव -0.03 परसेंट बीटा जनरली एक से कम होना चाहिए और ये जितना कम होता है उतना बेटर होता है कोट गोल्ड ETFs के 1 ईयर का रिटर्न है 16.16%, 5 ईयर का रिटर्न है 16.7% 10 ईयर का रिटर्न है 8.9 परसेंट और यह फंड अपने लॉन्च डेट से ऑन एन एवरेज 12.2% का रिटर्न बना कर के दिया है गोल्ड में अब इस से ज्यादा कितना रिटर्न आप एक्सपेक्ट कर सकते हैं | और इस फंड का डेली वॉल्यूम यानी कि लिक्विडिटी हाई है |

3.Nippon India ETF Nifty

थर्ड एंड लास्ट नंबर है निपन इंडिया टीएफ निफ्टी मिड गैप 150 जो कि एक मिड गैप कैटेगरी का ETFs है | मिड गैप कैटेगरी से मैंने इसलिए पिक किया है क्योंकि लास्ट दो ETFs जो हम लोगों ने डिस्कस किया है उनमें से एक ETFs CPSE लार्ज कैप कैटेगरी का ETFs है और KOTAK GOLD ETFs जो कि एक कमोडिटी गोल्ड कैटेगरी का ETFs है वो दोनों ETFs लॉन्ग टर्म में Low Volatility के साथ आपको एक स्टेबल रिटर्न बनाकर दे सकते हैं | बट यह ETFs मिड गैप कैटेगरी क्या है तो इसमें वॉलेट थोड़ा ज्यादा है बट लॉन्ग टर्म में आप इस ETFs में रिटर्न भी ज्यादा एक्सपेक्ट कर सकते हैं |

इस फंड का टोटल एयूएम(AUM) है 1378 करोड़, Expenses Ratio है 0.21% ट्रैकिंग एरर है 0.06% बीटा है 0.97% और इस फंड के लास्ट ईयर का रिटर्न है 53.15 % लास्ट 5 ईयर का रिटर्न है 25.61% और यह फंड अपने लॉन्च डेट से ऑन एन एवरेज 24.42% का रिटर्न बना करके दिया है | यह फंड 5 साल पुराना है और इस फंड का भी डेली वॉल्यूम लिक्विडिटी हाई है |

तो ये है टॉप थ्री बेस्ट ETFs जिसमें आप लॉन्ग टर्म के लिए अगर इन्वेस्ट करना चाहे तो कर सकते हैं बट अगेन ये कोई रिकमेंडेशन नहीं है आप खुद भी इन ETFs के रिगार्डिंग रिसर्च कर सकते हैं अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से हेल्प ले सकते हैं अगर आपके मन में इस ब्लॉग के रिगार्डिंग कोई क्वेश्चन है कोई क्वेरी है तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं होप आपको ये ब्लॉग पसंद आया होगा | अगर कोई डाउट्स हैं तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएगा |

ये भी पढ़े : 9 गेम-चेंजिंग ETF गलतियाँ जिन्हें आपको जानना चाहिए

FAQs

1. ETFs और Mutual Funds में क्या अंतर है?

उत्तर: ETFs और Mutual Funds दोनों ही एक तरह के निवेश विकल्प हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रमुख अंतर हैं। ETFs एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और इन्हें शेयरों की तरह खरीद-बेच सकते हैं। जबकि Mutual Funds को एक फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है और इन्हें केवल नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर ही खरीदा और बेचा जा सकता है। ETFs आमतौर पर Index Mutual Funds की तरह होते हैं और किसी विशेष सूचकांक को ट्रैक करते हैं।

2. ETFs में निवेश करने के क्या फायदे हैं?

उत्तर: ETFs में निवेश करने के कई फायदे हैं, जैसे:

विविधता: ETFs में कई कंपनियों के शेयर होते हैं, जिससे निवेश का जोखिम कम होता है।

लिक्विडिटी: ETFs को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है, जिससे इन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।

कम खर्च: ETFs का खर्च अनुपात आमतौर पर एक्टिवली मैनेज्ड म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होता है।

ट्रैकिंग: ETFs किसी विशेष सूचकांक को ट्रैक करते हैं, जिससे निवेशक जानते हैं कि उनका निवेश किसमें हो रहा है।

3. ETFs के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

उत्तर: ETFs मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

इक्विटी ETFs: ये ETFs स्टॉक्स में निवेश करते हैं।

कमोडिटी ETFs: ये ETFs कमोडिटीज जैसे सोना, चांदी आदि में निवेश करते हैं।

डेट ETFs: ये ETFs बॉन्ड्स में निवेश करते हैं।

4. Top 3 ETFs कौन से हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है?

उत्तर: लेख में CPSE ETF, Kotak Gold ETF और Nippon India ETF Nifty Midcap 150 को Top 3 ETFs के रूप में बताया गया है। ये सभी ETFs अपने-अपने सेगमेंट में अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं।

5. क्या मुझे ETFs में SIP के माध्यम से निवेश करना चाहिए?

उत्तर: हां, आप ETFs में SIP के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। यह एक अच्छा तरीका है कि आप नियमित रूप से निवेश करके लंबे समय में धन बना सकें। हालांकि, कुछ ETFs में लिक्विडिटी की समस्या हो सकती है, इसलिए SIP शुरू करने से पहले आपको अपने ब्रोकर से बात करनी चाहिए।

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