CAGR Kya Hota Hai? CAGR कैसे Calculate करते हैं ?

CAGR क्या होता हैं ?CAGR Kya Hota Hai?

CAGR क्या होता हैं ?CAGR Kya Hota Hai?

CAGR Kya Hota Hai: दोस्तों जब कोई अमाउंट Compound Interest से बढ़ता है तो उसका जो इंटरेस्ट रेट होता है उसे ही हम उसे अमाउंट का CAGR या कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट कहते हैं | इन्वेस्टिंग में हम जब भी रिटर्न के रेट या ग्रोथ की रेट की बात करते हैं तब हम असल में रिटर्न या ग्रोथ के CAGR की ही बात कर रहे होते हैं | जैसे मान लीजिए फॉर एग्जांपल एक कंपनी का EPS 20 साल में 20% के ईयरली रेट से बढ़कर ₹5 से ₹192 हो गया क्योंकि यहां पर 20% का रेट Compound Interest का रेट है और इसी रेट को हम CAGR कहते हैं | इसलिए यहां पर हम कहेंगे की कंपनी ने अपना EPS 20 साल तक 20% के CAGR से गो किया है |

 

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CAGR Kaise Calculate Karte Hain ?

CAGR Kaise Calculate Karte Hain ?

 

 

दोस्तों हमने कई बार कहा है की स्टॉक मार्केट में हम लॉन्ग टर्म में 14% से 16% का ईयरली रिटर्न बना सकते हैं जिसका मतलब है की स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म में हम 14 से 16% के CAGR से रिटर्न बना सकते हैं दोस्तों अगर हमें इन्वेस्टमेंट अमाउंट पता हो और रिटर्न का CAGR और इन्वेस्टमेंट समयसीमा पता हो तो हम अपने इन्वेस्टमेंट का फाइनल अमाउंट इस फार्मूले से निकाल सकते हैं

Final Amount = Initial Amount( 1+r/100)n

 

यहां पर Initial Amount का मतलब है की हमने शुरू में कितने पैसे इन्वेस्ट किया हैं | r का मतलब है परसेंट में Compound Interest का रेट और n मतलब है कितने टाइम के लिए इन्वेस्टमेंट हो रहा है यानी की इन्वेस्टमेंट ड्यूरेशन |

 

यहां पर हमें ये ध्यान देना है की इंटरेस्ट रेट और टाइम दोनों एक ही टाइम फॉर्मेट में हो जैसे अगर इंटरेस्ट रेट हमने ईयरली लिया है तो टाइम भी हम इयर्स में ही लेंगे | या अगर हमने इंटरेस्ट रेट मंथली लिया है तो टाइम भी हम मांस में ही लेंगे आई हम इसे एक एग्जांपल से समझते हैं अगर हमने 2 लाख रुपए 15% के एनुअल CAGR से 10 सालों के लिए इन्वेस्ट किया है तो 10 सालों के बाद हमारा फाइनल अमाउंट हो जाएगा 

 

Final Amount = 200000( 1+15%/100)10

Final Amount = 8,09,112

 

वहीं अगर हम यही ₹2 लाख 15% के एनुअल CAGR से 20 सालों के लिए इन्वेस्ट करें तो 20 सालों के बाद हमारा फाइनल अमाउंट हो जाएगा लगभग 3,27,397 और 30 सालों के बाद हमारा यही ₹2 लाख 15% की एनुअल CAGR से लगभग 1 करोड़ 32 लाख 42,354 हो जाएंगे | इस तरह दोस्तों जितने लंबे टाइम के लिए हमारा अमाउंट Compound Interest से बढ़ेगा हमारा अमाउंट उतना बड़ा होता जाएगा और लॉन्ग टर्म में हम अंदाज़ भी नहीं लगा सकते की Compound Interest से अमाउंट कितना बड़ा हो सकता है |

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जैसे हमारे ₹2 लाख यहां पर 15% के CAGR से 10 साल में 89112 हो गए 20 साल में 327397 हो गए और 30 सालों में 1 करोड़ 32 लाख 42354 हो गए पर क्या आप अंदाज़ लगा सकते हैं की 50 साल में हमारे ₹2 लाख से बढ़कर कितने रुपए हो जाएंगे 3 करोड़ रुपए, 5 करोड़ रुपए, 10 करोड़ रुपए  तो दोस्तों यह तीनों जवाब गलत है क्योंकि सही जवाब है 21 करोड़ 67 लाख 31,488 | जी हां स्टॉक मार्केट में यही है Power Of Compounding और इसे अपने के लिए हमें पेशेंस रखना होगा और सिर्फ अच्छी कंपनियां में ही लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना होगा दोस्तों यहां पर हमने सिर्फ एक बार ही ₹2 लाख इन्वेस्ट किया थे जो 50 साल में 15% के CAGR से बढ़कर लगभग 21 करोड़ रुपए हो गए और अगर हम स्टॉक मार्केट में पैसे बनाना चाहते हैं तो हम सिर्फ एक बार नहीं बल्कि बार-बार इन्वेस्ट करेंगे और अगर हम 2 लाख रुपए इन्वेस्टमेंट करने के बाद हर साल सेविंग करके सिर्फ ₹1 लाख और इन्वेस्ट करें तो हमें यही एक किस करोड़ रुपए बनाने में 23 साल एक महीने ही लगेंगे जी हां दोस्तों ₹200000 इन्वेस्ट करने के बाद हर साल सिर्फ ₹1 लाख इन्वेस्ट करके हमें 21 करोड़ रुपए बने में लगे वाले टाइम को 50 साल से लगभग 23 साल कर सकते हैं और अगर हम हर साल ₹1 लाख की बजे 2 लाख रुपए इन्वेस्ट करते हैं तो हमें 15% की CAGR से 21 करोड़ बनाने में सिर्फ 18 साल 5 महीने ही लगेंगे |

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दोस्तों अगर हमें इनिशियल अमाउंट फाइनल अमाउंट और इन्वेस्टमेंट ड्यूरेशन पता हो तो हम उसका CAGR भी निकाल सकते हैं | जिसके लिए हमें इस फार्मूले को थोड़ा अरेंज करना होगा जो हो जाएगा

 

CAGR = [{(Final Amount /Initial Amount) 1/n}-1]*100

 

एग्जांपल के लिए अगर हमने 10 साल के लिए ₹1 लाख इन्वेस्ट किया और वो 10 साल के बाद ₹5 लाख हो गए तो हम ये कैलकुलेट कर सकते हैं की हमें 10 साल में कितने CAGR से रिटर्न मिला 

 

CAGR = [{(5,00,000/1,00,000) 1/n}-1]*100

CAGR = 17.46%

 

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यानी की हमें अपने इन्वेस्टमेंट पर 10 साल में 17.46% के CAGR से रिटर्न मिला जिससे हमारे ₹1 लाख रुपए 10 साल में 5 लाख रुपए हो गए | दोस्तों अक्सर स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टर अपने पैसों को सबसे पहले डबल करना चाहते हैं इसके लिए उन्हें ये जानना होता हैं की एक Fixed CAGR से रिटर्न मिलने पर उनका इन्वेस्टमेंट कितने टाइम में डबल हो जाएगा या अगर एक Fixed Time में अपने पैसों को डबल करना चाहते हैं तो उन्हें कितने की CAGR से रिटर्न से बनाना होगा | और इन दोनो चीजों को जानने के लिए एक आसान सा फॉर्मूला हैं जिससे हम Rule of 72 कहते हैं |

 

आज के लिए इतना ही फिर मिलेंगे Next ब्लॉग में | 

 

FAQs

1. क्या CAGR सिर्फ स्टॉक मार्केट के लिए ही इस्तेमाल होता है?

उत्तर: नहीं, CAGR का इस्तेमाल सिर्फ स्टॉक मार्केट में ही नहीं बल्कि किसी भी ऐसे निवेश में किया जाता है जहां पर पैसा समय के साथ बढ़ता है। जैसे कि म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, रियल एस्टेट आदि। CAGR आपको यह बताता है कि आपका पैसा सालाना औसतन कितनी दर से बढ़ रहा है।

2. CAGR और साधारण ब्याज में क्या अंतर है?

उत्तर: CAGR (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) और साधारण ब्याज में मुख्य अंतर यह है कि साधारण ब्याज में हर साल केवल मूल राशि पर ही ब्याज लगता है, जबकि चक्रवृद्धि ब्याज में हर साल मूल राशि और पिछले साल के ब्याज दोनों पर ब्याज लगता है। CAGR चक्रवृद्धि ब्याज की दर को दर्शाता है, जिससे पैसा तेजी से बढ़ता है।

3. Rule of 72 क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों करते हैं?

उत्तर: Rule of 72 एक अनुमानित गणना है जो यह बताती है कि किसी निवेश को अपने आप में दोगुना होने में कितना समय लगेगा। इसे निकालने के लिए 72 को CAGR से भाग दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर CAGR 10% है, तो निवेश को दोगुना होने में लगभग 7.2 साल लगेंगे। यह एक सरल तरीका है कि आप यह अनुमान लगा सकें कि आपका निवेश कब दोगुना हो जाएगा।

4. CAGR की गणना क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: CAGR की गणना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको यह समझने में मदद करती है कि आपका निवेश कितनी अच्छी तरह प्रदर्शन कर रहा है। विभिन्न निवेशों की तुलना करने के लिए CAGR एक मानक माप है। यह आपको यह भी बता सकता है कि आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किस तरह की रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

5. क्या CAGR भविष्य के रिटर्न की गारंटी देता है?

उत्तर: नहीं, CAGR भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। यह केवल पिछले प्रदर्शन को दर्शाता है। भविष्य में बाजार की स्थिति बदल सकती है और CAGR बदल सकता है। इसलिए, निवेश करते समय हमेशा जोखिम को ध्यान में रखना चाहिए और केवल उतना ही निवेश करना चाहिए जितना आप खोने के लिए तैयार हैं।

 

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