Best ETFs To Invest In 2025: मार्केट में बहुत सारा कंफ्यूजन हैं की कोन बैटर हैं ? Mutual Fund बेटर है या ETF बेटर है ? दोनों में एगजैक्टली क्या Difference है और आपको किसमें Invest करना चाहिए |आज के इस खास ब्लॉग में डिस्कस करेंगे Exchange Traded Fund या ETF के बारे में इसके अलावा मैं एक बहुत इंपोर्टेंट चीज भी आपको बताऊंगा जो ETF लेने से पहले आपको हमेशा ध्यान रखनी है | और ब्लॉग के एंड मैं आपको बताऊंगा की आज की स्थिति में Best ETF For Investing In 2025
अब देखो पिछले कुछ सालों में ना ETF ने पॉपुलर गेन की है | सो मच सो कि कहां कुछ साल पहले इनका Ratio नेगलिजिबल था और आज टोटल Mutual Fund का जो AUM है उसमें 13 पर ETF के जरिए है यानी टोटल जो Mutual Fund में Invest होता है उसमें 13% मार्केट शेयर है ETF का | और ये तेजी से बढ़ रहा है तो इट्स अ पॉपुलर कैटेगरी |
ETF और Mutual Fund में क्या Difference है?
अब बेसिक Difference क्या है Mutual Fund में और ETF में खास करके Index Fund और ETF क्योंकि दोनों ही पैसिव होते हैं | दोनों ही किसी Index Fund को ट्रैक करते हैं दोनों में कोई एक्टिव फंड मैनेजर नहीं है जो मार्केट को Outperform करने की कोशिश कर रहा है यह सिमिलरिटी है Index Fund में और etf में दोनों कोई ना कोई Index Fund को कॉपी या मिमिक कर रहे हैं तो वो मार्केट को Outperform नहीं करेंगे लेकिन Expense और Tracking Error हटा दो तो Underperform भी नहीं करेंगे यह इनकी खासियत है |
लेकिन दोनों में Difference क्या है एक बहुत जरूरी Difference है Index Fund को आप किसी Mutual Fund डिस्ट्रीब्यूटर से ले सकते हो किसी आरआईए से ले सकते हो ऑफलाइन ले सकते हो ऑनलाइन ले सकते हो एएमसी की वेबसाइट से डायरेक्टली ले सकते हो बहुत सारे ऑप्शंस होते हैं Index Fund को लेने के |
लेकिन ETF जैसे कि इनका नाम है Exchange Traded Fund तो इन्हें आप स्टॉक एक्सचेंज से ही ले सकते हो जैसे बिल्कुल उसी तरह आप शेयर्स खरीदते हो | इनफैक्ट आपको इसको स्टॉक ब्रोकर्स से ही खरीदना है ये बिल्कुल स्टॉक्स के जैसे लिस्टेड होते हैं तो ट्रेडिशनल Mutual Fundस ज्यादा एक्सेसिबल है कोई भी ले सकता है वो स्टॉक ब्रोकिंग के लिए Demat Account खुलवाना चाहे Trading Account खुलवाना चाहे या नहीं ETF लेने के लिए Trading Account खुलवाना जरूरी है|
ETF और म्यूचुअल फंड दोनों ही पैसिव इन्वेस्टमेंट के विकल्प हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
Parameter | ETF | Mutual Fund |
खरीद और बिक्री का तरीका | स्टॉक एक्सचेंज के जरिए | AMC, एजेंट, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म |
प्राइसिंग | डिमांड-सप्लाई के आधार पर | हर दिन की NAV (Net Asset Value) पर |
इंट्राडे ट्रेडिंग | हां, स्टॉक्स की तरह | नहीं, सिर्फ एक बार NAV के आधार पर |
ब्रोकरेज अकाउंट की जरूरत | हां, जरूरी | नहीं, डायरेक्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ले सकते हैं |
Expense रेशियो | कम होता है | अपेक्षाकृत ज्यादा होता है |
ETF खरीदते समय खास ध्यान रखने वाली बातें
ETF खरीदते समय ना आपको एक खास बात का ध्यान रखना है जो मुझे लगता है Social Media में डिस्कस नहीं किया जाता और लोगों को पता नहीं है |
देखो जब आप Mutual Fund खरीदते हो ना तो उसके यूनिट्स आपको हमेशा NAV (Net Asset Value) ही मिलते हैं NAV आपको यह दिखाती है कि उस Mutual Fund बास्केट में जो स्टॉक्स हैं उसके बदले जो आपको यूनिट मिल रहा है उसकी अंडरलाइन वैल्यू क्या है जैसे मान लो किसी एक Mutual Fund स्कीम के यूनिट में आपको 10 कंपनियों के स्टॉक मिल रहे हैं एक-एक स्टॉक सबका मिल रहा है हम सिंपलीसिटी के लिए मानते हैं और हर कंपनी का स्टॉक प्राइस 10-10 है और ऐसे 10 स्टॉक आपको एक यूनिट में मिल रहे हैं तो उसकी एनपी होगी 100 और एक ट्रेडिशनल Mutual Fund हमेशा आपको NAV पे ही मिलेगा |
लेकिन ETF में ऐसा नहीं है क्योंकि मैंने बताया स्टॉक की तरह है और Stock Market में मिलते हैं एक
फिक्स्ड बास्केट है जो Demand Supply के हिसाब से जिसका प्राइस decide हो रहा है | कोई Mutual Fund बैठ के उसका प्राइस डिसाइड नहीं कर रहा वो Demand Supply पे है बहुत डायनामिक है तो इससे क्या होता है कि कई बार जो उस ETF में स्टॉक्स है अगर आप उन स्टॉक्स को उसी परसेंटेज में डायरेक्टली लेने जाओगे तो हो सकता है आपको सारे स्टॉक 100 में मिल जाए | लेकिन करंट प्राइस उस ETF का Demand Supply के कारण 120 हो तो आपको 100 की चीज 120 में मिल रही है |
- iNAV पर नजर रखें:
iNAV (Indicative Net Asset Value) वह वैल्यू है जो बताती है कि ETF के अंदर मौजूद स्टॉक्स की कुल कीमत क्या है। ETF की ट्रेडिंग प्राइस और iNAV में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए। अगर अंतर ज्यादा हो, तो आपको नुकसान हो सकता है। - Liquidity चेक करें:
किसी ETF की लिक्विडिटी का मतलब है कि आप इसे कितनी आसानी से खरीद या बेच सकते हैं। अगर किसी ETF का ट्रेडिंग वॉल्यूम कम है, तो इसे खरीदना और बेचना मुश्किल हो सकता है। - Tracking Error को समझें:
ETF को एक इंडेक्स को फॉलो करना होता है, लेकिन कभी-कभी यह इंडेक्स की परफॉर्मेंस से थोड़ा पीछे रह सकता है। इसे Tracking Error कहते हैं। जिस ETF की Tracking Error कम हो, वो बेहतर होता है।
इसीलिए इसका सलूशन ये है जिस भी Mutual Fund कंपनी का वो फंड है उसकी Website पे जाना है और वहां एक iNAV मिलेगा आपको ETF के लिए जैसे नॉर्मल फंड्स में NAV होता है इन फंड्स में iNAV होता है जो Equity ETF के केस में हर 15 सेकंड में अपडेट होता है | तो आप जब भी ETF खरीदने जाओ Mutual Fund वेबसाइट में iNAV को चेक करो और फिर देखो कि आप जब ब्रोकर से ऑर्डर प्लेस कर रहे हो तो रियल प्राइस जिस परे आप खरीद रहे हो वो iNAV के आसपास एक परट इधर उधर चलेगा लेकिन उससे ज्यादा का फर्क नहीं होना चाहिए यह आपको ध्यान रखना है |
वरना आप 100 की चीज 120 में खरीद के आ जाओगे और वो ETF जब अपने रिटर्न्स दिखाएगा ना जब वो साल भर बाद अपनी फैक शीट आप उसकी देखोगे तो वो अपने रिटर्न कंपेयर करेगा उसकी एनएवी से लेकिन आपने तो एनवी के 20% ऊपर खरीदा था तो मान लो फंड बोलता है कि हमने साल भर में 20% का रिटर्न दिया हैं
हो सकता है अगर उस समय आई नेवी और रियल मार्केट प्राइस में कोई Difference ना हो तो हो सकता है आपका रियल रिटर्न क्लोज टू जीरो हो तो आपका रिटर्न फंड के रिटर्न से मैच करे इसके लिए जरूरी है कि आप ETF को हमेशा iNAV के करीब करब खरीदना यह बात प्लीज ध्यान रखना | अब चलते हैं उस सेक्शन की तरफ जिसका आपको बहुत इंतजार है
Best ETF 2025: 2025 में कौन से ETF में निवेश करें और क्यों?
1. ICICI Prudential S&P BSE Sensex 30 ETF
हमारे टॉप थ्री ETF तो पहला है और बहुत ही सिंपल डिसीजन था ये ICICI Prudential S&P BSE Sensex 30 ETF | अब हमने यही ETF क्यों चुना पहला हमें safety पसंद है तो अगर आप safety ढूंढ रहे हो अगर आप safety ओरिएंटेड Investर हो दिस इज अ गुड ऑप्शन पर निफ्टी 50 क्यों नहीं देखो ETF में ना Index Fund बना एक सिंपल सा फंडा है कि एक Index Fund में जितनी कम सिक्योरिटीज होंगी उतना Tracking Error कम होगा |
और क्योंकि ट्रैकिंग रिबैलेंसिंग का काम कम हो जाता है इसलिए लॉजिक हर बार ऐसा होता है मैं नहीं कहूंगा लेकिन लॉजिकली एज दज फंड्स मैचोर जिसमें कम स्टॉक्स है उसका मैनेजमेंट फी या Expense Ratio थोड़ा सा और कम होगा | तो कम Tracking Error थोड़ा सा कम Expense Ratio थियोरिटिकली और साइंटिफिकली ये प्रूवन है कि आफ्टर 30 स्टॉक्स डायवर्सिफिकेशन का बेनिफिट ना के बराबर होता है | तो आप 30 के बदले 50 स्टॉक्स ले लोगे तो पोर्टफोलियो ज्यादा सेफ हो जाएगी साइंस और डाटा ऐसा नहीं बोलता | तो अगर आप safety ओरिएंटेड Investor हो लेकिन Equity Exposure चाहते हो ETF के थ्रू तो इससे अच्छा ऑप्शन कंसीडर किया जा सकता हैं |
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2. Nippon India ETF Nifty Next 50 Junior BeES
सेकंड अब थोड़ा रिस्क को एक लेबल ऊपर बढ़ाते हैं अभी भी बहुत ज्यादा रिस्क नहीं लेना है लेकिन इससे एक लेवल ऊपर और यहां पर हम आते हैं निपन के Nippon India ETF Nifty Next 50 Junior BeES की तरफ | इसमें एक अच्छी बात है किसी भी एक पर्टिकुलर स्टॉक का वेटेज ना 5% से ऊपर नहीं है तो ऐसा नहीं है कि कहने को तो 50 स्टॉक्स है लेकिन एक दो के ऊपर नीचे होने से उनका वेटेज इतना ज्यादा है कि यह फंड Underperform करने लगे, वेल बैलेंस्ड पोर्टफोलियो है |
Source : Groww
इसके अलावा इसमें वो स्टॉक्स है जो निफ्टी 100 का पार्ट है लेकिन Nifty 50 का पार्ट नहीं है | और निफ्टी 50 और हमारे पिछला जो सेंसेक्स ETF है उसके 30 स्टॉक्स काफी सिमिलर है तो | वो स्टॉक्स ऑटोमेटिक Excluded है इसमें और ऐसे में आपको पोर्टफोलियो ओवरलैप भी नहीं मिलेगा |
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तो अगर आप पिछले फंड के साथ थोड़ा एक्स्ट्रा रिस्क और रिटर्न्स की तरफ जाना चाहते हो तो दिस इज अ गुड एडिशन क्योंकि ओवरलैप नहीं मिलेगा अलग तरह के आपको स्टॉक्स मिलेंगे वेल डायवर्सिफाइड मिलेंगे 5% से ऊपर का Exposure नहीं मिलेगा देखो जब हम कोई भी ETF को चुल रहे हैं ना तो हम यह ध्यान रख रहे हैं कि Volume अच्छा खासा हो AUM अच्छा खासा हो लिक्विडिटी का प्रॉब्लम ना के बराबर हो इस बात का खास ध्यान हमने स्पेसिफिकली ETF के समय रखा है |
3. ICICI Prudential Gold ETF
अगला फंड है ICICI Prudential Gold ETF फंड | देखो Sovereign Gold Bond का ना नया इशू आ नहीं रहा है तो उसके Absence में मैं यह कह रहा हूं कि दिस इज अ गुड वे टू Invest इन गोल्ड लेकिन अगर उसका नया इशू आ जाता है तो पहली चॉइस तो डेफिनेटली Sovereign Gold Bond है |
क्योंकि नए इश्यूज आ नहीं रहे हैं ना तो एसिस्टिंग इश्यूज भी जो ऑलरेडी निकले हुए हैं सेकेंडरी मार्केट में एट अ प्रीमियम मिल रहे है तो ऐसे में उन्हें लेना समझदारी नहीं है और उस केस में उसके एब्सेंट में द सेकंड बेस्ट वे टू Invest इन गोल्ड इज दिस ETF अब देखो गोल्ड इसलिए कि ये Equity मार्केट से इसका Co-Relation कम है यानी जब मार्केट बुरा करता है तो हो सकता है गोल्ड आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे या ग्रोथ दे तो क्योंकि Indian Equity मार्केट से बहुत स्ट्रिक्टली कोरिले नहीं है इसलिए मुझे कंफर्ट मिलता है इसे रिकमेंड करने में एंड आई थिंक दिस इज अ वेरी safe Choice & Good choice फॉर मोस्ट फैमिलीज |
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अब ETF में ना देखो वैसे तो कहने को मिड कप भी है स्माल कैप भी है तरह तरह के एक्सचेंज फंड्स है लेकिन अगर AUM ज्यादा ना हो Volume ज्यादा ना हो और मैं ब्लॉग बना दूं जिससे हजारों लोग पड़ेंगे और कॉन्फिडेंटली मेरे कहने के कारण उसम Investment का डिसीजन लेंगे तो काफी रिस्क हैं | तो इसलिए मैं बहुत कंफर्टेबल रिस्की ETF नहीं रिकमेंड कर सका हूं लेकिन अगर आपको ETFs के दुनिया में कदम रखना हैं तो एकदम सेफ रिकमेंडेशन हैं |
Disclaimer :
अब एक डिस्क्लेमर भी जरूरी है कि जो ये फंड्स बता रहा हूं मुझे आपकी रिस्क प्रोफाइल नहीं पता मुझे आपका केवाईसी मैंने नहीं किया है तो इसीलिए ये बहुत ही जनरल मेरा ओपिनियन कि मुझे ये ETF पसंद है और किस लिए पसंद है वो रीजंस मैंने आपके सामने दिए लेकिन आपको इन्हीं में Invest करना है या ये आपके लिए सही है यह मैं बता नहीं सकता उसके लिए आपको अपने फाइनेंशियल एडवाइजर के पास जाना पड़ेगा